discription:-
राजस्थान का परिचय Rajasthan ka parichay
राजस्थान नाम की ऐतिहासिक विवेचना
वर्तमान राजस्थान भारतीय संविधान द्वारानिर्मित गणराज्य का एक राज्यहै। जिसका अस्तित्व 1 नवम्बर 1956 को हुआ।
"राजस्थान" का वर्त्तमान नामकरण 26 जनवरी 1950 में हुआ। राजस्थानशब्द काप्राचीनतम प्रयोग "राजस्थानियादित्य " विक्रम संवत 682 में उत्कीर्ण "बसंतगढ़" सिरोही के शिलालेख में उपलब्ध हुआ है। जिसमें "राजस्थानियादित्य" लिखाथा।
(यद्यपि वाल्मीकि द्वारालिखित रामायण मेंराज्य के लिए "मरुकांतर" शब्दका प्रयोग हुआहै। उसके बाद मुहणौतनैणसी ( राजस्थान काअबुल फजल ) (वि.स. 1667 -1727 ) की ख्याल औरराजरुपक (वि.स. 1788) में "राजस्थान" शब्द काप्रयोग हुआ है।)
"राजस्थान" का वर्त्तमान नामकरण 26 जनवरी 1950 में हुआ। राजस्थानशब्द काप्राचीनतम प्रयोग "राजस्थानियादित्य " विक्रम संवत 682 में उत्कीर्ण "बसंतगढ़" सिरोही के शिलालेख में उपलब्ध हुआ है। जिसमें "राजस्थानियादित्य" लिखाथा।
(यद्यपि वाल्मीकि द्वारालिखित रामायण मेंराज्य के लिए "मरुकांतर" शब्दका प्रयोग हुआहै। उसके बाद मुहणौतनैणसी ( राजस्थान काअबुल फजल ) (वि.स. 1667 -1727 ) की ख्याल औरराजरुपक (वि.स. 1788) में "राजस्थान" शब्द काप्रयोग हुआ है।)
"राजपुताना" शब्द का प्रथम बार प्रयोग 1800 में जार्ज थॉमस ने किया था। ये राजस्थान कीअधिकांश स्वतंत्र रियासतें 1818 की संधि केअंतर्गत अंग्रेजो के अधीन होगई और इनक्षेत्रों को "रायथान", "राजवाड़ा" तथा क्रमशः "राजपूताना" से सम्बोधित कियाजाने लगा।
1829 में कर्नल जेम्स टॉड ने "एनल्स एंड एंटीक्विटिजऑफ राजस्थान" (Annals and Antiquities of Rajasthan ) राजपूतानाका इतिहास लिखा तथा राजस्थान शब्द क्रमशः राजस्थान राज्य का पर्याय बन गया।
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